चिड़िया का घर कहानी - Chidiya ka ghar kahani in hindi: Hindi Story #mychoice
खूबसूरत पहाड़ों की गोद में बसे एक छोटे से गाँव में एक ऊँचे पहाड़ के ऊपर एक पेड़ पर एक चिड़िया अपने साथी और बच्चों के साथ रहती थी। उनकी चहचहाहट ने गाँव को जीवंत कर दिया और लोगों के दिलों को छू लिया, जो उनके चारों ओर के सुंदर वातावरण से बना था। पेड़-पौधों, पहाड़ों, जानवरों और पक्षियों की हरी-भरी हरियाली ने गाँव को और भी खूबसूरत बना दिया।
एक दिन, आकाश में काले बादल गरजने लगे और भारी वर्षा होने लगी, जिससे पृथ्वी ढक गई। चिड़िया और उसके बच्चे अपने घर में सुरक्षित थे, लेकिन बारिश के कारण चिड़िया का घर टूट गया।
चिड़िया ने देखा कि उसके बच्चे सुरक्षित थे, लेकिन उनका घर अब वहां नहीं था। तेज़ हवा के बावजूद चिड़िया का घर टूट कर नीचे गिर गया था और अब पानी में तैर रहा था। हालाँकि, उसकी आँखों में हार का कोई निशान नहीं था। वह समझ गई कि इस स्थिति में भी अपना संघर्ष जारी रखना जरूरी है।
चिड़िया अपने बच्चों के साथ दूसरे पेड़ों की ओर जाने लगी। बारिश की बूंदों ने उसके पंखों को गीला कर दिया, लेकिन उसने हार नहीं मानी। वह अपने छोटे साथियों के साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए नए घर की तलाश में उड़ती रही।
रास्ते में, उन्होंने दूसरे पेड़ पर रुकने का फैसला किया, लेकिन यह उनकी मंजिल नहीं थी। पक्षी को एहसास हुआ कि अगर वे अगले पेड़ तक पहुँच सकें, तो यह उन्हें रहने का इंतजाम कर सकता है।
भारी बारिश जारी रही, लेकिन पक्षी और उसके साथी नए घर की तलाश में लगे रहे। वह समझ गई कि बदलावों के बावजूद उसका लक्ष्य और मेहनत नहीं डगमगानी चाहिए। आख़िरकार, वे दूसरे पेड़ के पास पहुँचे जो बारिश के बावजूद मजबूती से खड़ा था।
खुशी से परिंदे ने देखा कि उन्हें अपनी मंजिल मिल गई है। उसने उस पेड़ पर नया घर बनाना शुरू किया और कड़ी मेहनत से कुछ ही समय में इसे पूरा कर लिया।
उन्होंने अपने बच्चों से कहा कि किसी भी परिस्थिति में हार न मानकर संघर्ष जारी रखने से सफलता मिल सकती है। 'चिड़िया का घर' कहानी ने सिखाया कि हर कदम पर आगे बढ़ना और आत्मनिर्भरता के साथ हर समस्या का सामना करना एक महत्वपूर्ण गुण है। यह हमें सिखाता है कि जीवन के हर मोड़ पर हमें हार नहीं माननी चाहिए बल्कि संघर्ष और सहयोग के साथ आगे बढ़ना चाहिए।